लाडली हूँ तेरी....🌺
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मै तो लाडली हूँ तेरी
तो क्यूँ कर रहे हो मुझे खुद से दूर
लड़की हूँ इसमें मेरा क्या कसूर ।।
किसने कैसी ये रीत बनाई
अपनी हि लाडली को कर दिया पराई
क्यूँ कर रहे हो मुझे खुद से दूर
लड़की हूँ इसमें मेरा क्या कसूर ।।
मुझे नहीं जाना तेरे आंचल को छोड़
माँ लाडली हूँ तेरी क्यूँ कर रही मुझे खुद से दूर
लड़की हूँ इसमे मेरा क्या कसूर ।।
नहीं करूंगी तुझें परेशान,रहना है उम्र बार तेरे साथ
भाई अभी और करनी है लड़ाई फिर कौन बनेगा मेरी परछाई
किस ने ये कैसी रीत बनाई ,तेरी बहन हि कर दि पराई ।।
मेरी जान तू तेरी जान हूँ मैं
अभी और शैतानी करनी है मुझे
मम्मी कि डांट से भी तो बचाना है तुझे
अभी मूझे और सताना भी तो है तुझे
रूठ के मनाना भी तो है मुझे
नहीं जाना मुझे इस आंगन को छोड़
क्यूँ कर रहे हो मुझे खुद से दूर
लड़की हूँ इसमें मेरा क्या कसूर
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(ये मैंने पहली बार कोशिश कि है कविता जैसा कुछ लिखने कि बताना कैसी है प्लीज !!)
Aliya khan
25-Jan-2022 05:49 PM
Mam kahani ki hi trha bahut hi satik bat ki h apne
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Karan
25-Jan-2022 01:16 PM
Very nice written
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Swati chourasia
25-Jan-2022 12:51 PM
Very beautiful 👌
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